अगर आप यह सोच रहे हैं कि एजुकेशन के क्षेत्र में तो बड़े-बड़े महारथी हैं बड़ी-बड़ी वेबसाइट्स हैं तो हमारा कैसे होगा ?बहुत आसान है , इसके लिए केवल आपके अंदर विश्वास होना चाहिए और यह मान लीजिए कि किसी स्कूल में यदि आप देखें कि दो टीचर हो एक ही विषय के , तो विद्यार्थी दोनों में से एक को चयन करते हैं -कारण - जो सबसे अधिक अच्छा पढ़ाता है , जिसका व्यवहार अच्छा लगता है , जिसके पढ़ाने का तरीका बच्चों को अच्छा लगता है यानी हर इंसान में दूसरे इंसान से गुणों में भी अंतर हो सकता है , तरीके में अंतर हो सकता है , व्यवहार में अंतर हो सकता है । आप यह मानकर चलें कि भले ही कितनी बड़ी वेबसाइट हो या बड़ा स्कूल हो या कोचिंग सेंटर हो ,भले इस दुनिया में कई धुरंधर बैठे हो लेकिन यदि आपको अपने आप पर विश्वास है तो आप भी किसी भी उम्र में ,किसी भी क्षेत्र में अपनी जगह बना सकते हैं और अपनी उस जगह को बनाने में आपका सिर्फ और सिर्फ एक प्रयास ही काफी है ।First impression is last impression.क्योंकि जब आप खुद को प्रभावित कर पाएंगे तभी दूसरों को प्रभावित कर पाएंगे इसलिए सबसे पहले अपने पहनावे , अपने हाव-भाव ,अपने चलने के तरीके इन सब पर मेहनत करीए । फिर आता है आपका व्यवहार यानी कि गुड मैनर्स , दोस्तों - ज्ञान यह कहता है कि आपका व्यवहार ही आपका जीवन सुधारता है , आपके जीवन को चार चांद लगाता है । व्यवहार पर पूरी तरह से सजग होकर मेहनत कीजिए ।उसके बाद आता है , ज्ञान । कहते हैं अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है इसलिए अपने ज्ञान को संपूर्ण कीजिए जब आप पढ़ाने जा रहे हैं तो आपको अपने विषय पर पूरी तरह से पारंगत होना बहुत जरूरी है तभी आप अपने विद्यार्थियों में पूर्ण विश्वास बना पाएंगे । अपने पढ़ाने के तरीकों में हमेशा अधिक से अधिक नए तरीके एवं सरल तरीके अपनाने की कोशिश कीजिए ।
हर विद्यार्थी खास होता है यही विचार करके हर एक विद्यार्थी के बारे में यह सोचना चाहिए कि कुछ विद्यार्थी थोड़ा धीरे सीखते हैं , कुछ विद्यार्थी तेजी से सीखते हैं । इसका मुख्य कारण है कि जिन विद्यार्थियों ने अपने आप पर मेहनत करी है अपने आप को समय दिया है वह विद्यार्थी तो आगे निकल रहे हैं और जो विद्यार्थी अपने आप को समय नहीं दे पाते हैं या नहीं दे पा रहे हैं वही थोड़े पीछे रह जाते हैं तो व्यवहार यह कहता है कि उन्हें थोड़ा एक्स्ट्रा टाइम दीजिए । कुछ और सरल तरीके से समझाने की कोशिश कीजिए ताकि वह निरंतर आगे बढ़ते चले । जिस भी विषय में आप अपने आप को पारंगत मानते हैं यानी कि जिसमें आप एक्सपर्ट हैं आप उस विषय पर अधिक से अधिक काम करें क्योंकि वही आपकी विशेषता है । सभी विषयों को पढ़ाने की बजाय किसी एक विषय में पारंगत व्यक्ति की डिमांड मार्केट में ज्यादा होती है । हो सकता है आप अंग्रेजी बहुत अच्छा पढ़ा सकते हैं या आप इंग्लिश स्पोकन क्लासेस ले सकते हैं या सब्जेक्ट पढ़ा सकते हैं गणित ,भौतिक शास्त्र ,रसायन या इतिहास पढ़ा सकते हैं । थोड़ी सी मेहनत कीजिए और विचार कीजिए कि किस विषय में आपकी अधिक पकड़ है और उसी पर पकड मजबूत कीजिए । यकीन मानिए , इसका प्रभाव और रिजल्ट आपको बहुत जल्द नजर आने लगेगा । ब्रांड का मतलब भी यही होता है , कोई भी ब्रांड ऐसे ही नहीं बनता उसके पीछे छुपी होती है - उस ब्रांड की मेहनत , लोगों का उस पर विश्वास और वह विश्वास जमाने के लिए उस ब्रांड के लिए मेहनत की गई होती है ,तभी वह सफल होते हैं ।
एक अच्छा अध्यापक अपने गुणों से पहचाना जाता है । उसका व्यवहार बच्चों के प्रति बहुत ही विनम्र होता है । उसके आने से विद्यार्थी उनका खड़े होकर स्वागत करते हैं । उनकी गुणों की चर्चा बच्चे बच्चे और माता पिता और सभी सहयोगियों के मुख पर साफ नजर आती हैं ।तो साथियों अपने व्यक्तित्व को इतना बुलंद करो कि लोग अपने आप आपके पास आएंगे यही एक अध्यापक की सही सफलता होती है ।एक अच्छा टीचर अपने विद्यार्थियों को देता है- बढ़िया ट्रिक , अच्छे नोट्स ,क्वेश्चन आंसर , पुराने परीक्षाओं के प्रश्न उत्तरों को सही तरीके से लिखने का तरीका , इसके अलावा किसी भी समस्या का सरल समाधान , अपनी खुद की भाषा में आसानी से उत्तर लिखने की प्रैक्टिस एवं एग्जाम से पहले कई बार एग्जाम्स लेना प्लस अपनी गलतियों को सुधारना । यह सभी तरीके अध्यापक को संपूर्ण बनाते हैं । विद्यार्थियों की उत्सुकता बनी रहनी चाहिए और उनकी उत्सुकता यानी उनके प्रश्न के जवाब मिलने चाहिए।इसके अतिरिक्त आपको अपनाना होगा- आधुनिक तरीकों का प्रयोग -आपको यह देखना होगा कि आज के विद्यार्थी क्या चाहते हैं ? पीडीएफ फाइल्स , व्हाट्सएप से डिटेल्स , टेस्ट पेपर्स अधिक से अधिक सॉल्व ,क्वेश्चंस ,शॉर्ट ट्रिक्स के साथ में अच्छे रिप्रेजेंटेबल नोट्स प्लस पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन इसके अलावा वीडियोस , इमेजेस यह सब तरीके हैं । इसके अलावा जैसे आजकल पता है - गूगल मीट के द्वारा भी पढ़ाया जाता है तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा भी क्लास ली जाती है । यह सब तरीके हैं जिनके द्वारा आप आजकल के विद्यार्थियों की आवश्यकता के अनुसार अपने आप को नई तकनीक का प्रयोग करके अधिक प्रभावी ट्यूटोरियल सामग्री का निर्माण कर सकते हैं । नई नई चीजों को जानने के लिए आपको बहुत अधिक तैयारी रखनी चाहिए । कोशिश करनी चाहिए कि नए यूट्यूब वीडियोस , नई खबरें , नए गैजेट्स इनका भी प्रयोग कर पाए एवं उन्हें सीखें । इस प्रकार से आप अपनी इमेज को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं ।अब बात आती है , शुरुआत कैसे करें ? जी हां ! शुरुआत का तरीका है कि अधिक से अधिक आप अपने जानने वालों , अपने ग्रुप्स , प्लेसमेंट एजेंसीज , ट्यूटर ब्यूरोस- इन सब के संपर्क में आए । इनके पास क्या-क्या अवसर उपलब्ध हैं ? उनकी जानकारियां प्राप्त करें , अपनी जानकारी उनको दे , इससे आपके पास अवसर आने शुरू होंगे । अब आता है अवसर को ना चूके यानी काम की तो कमी नहीं है , काम करने वालों की कमी है । जो काम आपके पास आ गया है , वह छूटना नहीं चाहिए क्योंकि पहला काम अगर आपने अच्छा रिजल्ट लाकर कर दिया तो वही काम अपना काम खुद कर लेगा । उसके रेफरेंस से आपके पास में और काम आ जाएगा अतः काम या पैसा दोनों में एक चीज समान है वह यह है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता इसी प्रकार कोई भी पैसा छोटा नहीं होता बूंद बूंद से घड़ा भरता है इसलिए यदि आपके पास में कोई एक विद्यार्थी भी आ जाए तो आप शुरू कर दो बाकी विद्यार्थी धीरे-धीरे अपने आप रेफरेंस से आ जाएंगे।
अपना सर्वोत्तम देने की प्रयास हमेशा करें क्योंकि वही आपको सर्वोत्तम रिजल्ट लाकर देगा । अपने ज्ञान को बढ़ाते रहें ,रिवीजन करते रहें , हर एक विषय जिसमें आप पारंगत हैं या और अधिक पारंगत होना चाहते हैं , उस विषय वस्तु के अतिरिक्त ज्ञान को अधिक से अधिक जहां से भी मिले , संचित करने का प्रयास करते रहे ।जिसने अपने आप को अपडेट कर लिया वही सक्सेस, सफलता को प्राप्त करेगा और जिसने अपडेट नहीं किया वह डीग्रेड हो जाएगा ।पढ़ाने में सुनना, देखना और लिखना - तीनों क्रियाओं का अपना-अपना महत्व है। हर चीज क्रमबद्ध होनी चाहिए शुरुआत में बेसिक कॉन्सेप्ट्स फिर संपूर्ण जानकारी और फिर संपूर्ण सरल ट्रिक्स के साथ विषय के चैप्टर के अंत में परीक्षा यानी मूल्यांकन तभी उस विषय का संपूर्ण लाभ विद्यार्थी को मिलेगा । विषय की पूरी समझ ही विद्यार्थी में आपकी पहचान बनाएगा । अपने प्रयासों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखिए एवं कल से आज को और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास हमेशा करते रहिए ।
किसी भी क्षेत्र में चाहे वह आप डॉक्टर बनना चाहते हैं ? इंजीनियर बनना चाहते हैं ? पलंबर बनना चाहते हैं ? इलेक्ट्रीशियन बनना चाहते हैं ? बड़ा अफसर बनना चाहते हैं ? या अध्यापक बनना चाहते हैं ? आपको अपने आप को अपडेट करते रहना पड़ेगा । अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा से करने और उसके प्रति समर्पित होना पड़ेगा । लोगों में अपना विश्वास जगाना पड़ेगा तब जाकर आप अपने प्रोफेशन के साथ पूर्ण संतुलन स्थापित करेंगे और फिर दुनिया आपके कदमों पर होगी और आप अपने ब्रांड एंबेसडर होंगे ।
Nice
ReplyDeleteThanks for sharing this useful content. Hire English language tutors Online
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